Three " D" फॉर्मूला जो निर्णय से प्रारब्ध तक लेकर जाएगा। उसके पहले हम खुद को शाबाशी देंगे, ताकि जब भी कोई अच्छा और समाजोपयोगी कार्य सम्पन्न होगा तो सुकून मिल पाएगा। प्रारब्ध तक पहुंचने के लिए पहले निर्णय लेना, कड़ा निर्णय लेना अनिवार्य है। उसके बाद तय करना है कि जो भी निर्णय (सकारात्मक) हमने लिया है, उस पर अटल रहन, तय करना की निर्णय के बीच कोई रुकावट नहीं आए। उसके बाद तो प्रारब्ध/भाग्य मिलना तय है। पूरा वीडियो देखें। https://youtu.be/lxiOtLuYeNU?si=9TRff1YfymapTZ_7
Sahi hai
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